तुलसी के अनूठे लाभ!
तुलसी के अनूठे लाभ!
कई भारतीय घरों में मिलने वाला तुलसी का पौधा चिकित्सकीय रूप से बहुत उपयोगी है और कई बीमारियों के घरेलू इलाज में काम आता है।
तुलसी को होली बेसिल भी कहा जाता है और धार्मिक कारणों से यह अधिकांश भारतीय घरों में लगाया जाता है। यह एक सुगंधित पौधा होता है, जिसे कहीं भी छोटे से गमले में या जमीन पर उगाया जा सकता है। इसके सुखे पत्तों, बीज आदि का पाउडर बना कर रखा जा सकता है। तुलसी से तेल भी बनता है।
और पढ़े : आइए जाने, तुलसी वाले दूध के फायदे
तुलसी के स्वास्थ्य संबंधी लाभ:
तुलसी ओलेनोलिक एसिड, अर्सोलिक एसिड, रोजमैरीनिक एसिड, कैवाक्रोल, यूजेनॉल, लिनैलूल, ल्यूटिओलीन, एपीजेनीन और बी-कैरियोफायलीन जैसे सक्रिय यौगिकों का उत्तम स्रोत है और कई प्रकार के औषधीय गुण रखता है। इससे कई बीमारियों में फायदा पहुँचता है,
जिनमें से कुछ के बारे में नीचे दिया जा रहा है
श्वसन तंत्र के संक्रमण ठीक करता है:
तुलसी मुख्यतः बलगम, जुकाम, ब्रौंकाइटिस और दमा जैसी बीमारियों के इलाज के लिए उपयोग में लाया जाता है। 4-5 रोस्ट किए गए लौंग के साथ तुलसी के पत्ते चबाने से बलगम में निश्चित फायदा होता है।
• तुलसी के पत्ते, जेठी माढ़ (लिकोराइस) लैंड, पॉपी सीड (पोस्ता दाना) और चीनी को बराबर-बराबर मात्रा में मिलाकर गुनगुने गर्म पानी के साथ लेने से सूखे बलगम और खाँसी तथा गले के संक्रमणों में फायदा होता है।
• तुलसी, दालचीनी, सोंठ, इलायची, फर्न, तेजपत्ता और काली मिर्च के मिश्रण को गर्म पानी के साथ लेने या इसका काढ़ा पीने से लंबे समय से चले आ रहे जुकाम में फायदा होता है।
• तुलसी के तेल में काली मिर्च, सोंठ, सेंधा नमक, मिर्च, करेला और ड्रमस्टिक के बीज या इनका तेल मिलाकर नाक के छेदों में लगाने से साँस संबंधी बीमारियाँ दूर होती हैं।
त्वचा संबंधी संक्रमणों को दूर करता है:
तुलसी में एंटी-फंगल और एंटीसेप्टिक गुण होते हैं और यह त्वचा संबंधी संक्रमणों के इलाज के लिए व्यापक तौर पर उपयोग में लाया जाता है, क्योंकि तुलसी से बनने वाले सुगंधित तेल से त्वचा संबंधी कई संक्रमणों के लिए जिम्मेदार ई-कोलाई और बी एंथ्रेसिस जैसे जीवाणुओं की वृद्धि रोकी जा सकती है।
• 200 से 250 ग्राम तुलसी के पत्ते को उतनी ही मात्रा में तिल के तेल के साथ मिलाकर उबालने के बाद इस तेल को ठंडा कर रख लें और त्वचा संबंधी संक्रमणों तथा खुजली आदि के जगह पर लगाएँ तो लाभ मिलेगा।
• तुलसी के पत्ते और नींबू के पत्तों को पीसकर इसे दही के साथ मिलाकर लगाने से दाद ठीक होता है।
कटने और घाव होने पर फायदा पहुँचाता है
तुलसी अपने जीवाणु-प्रतिरोधी गुणों के कारण अल्सर, घाव और कटने पर भी फायदा पहुँचाता है।
• तुलसी के तने को को पीसकर बना लेप घाव और कटे हुए स्थान पर लगाने से तुरंत आराम मिलता है।
• तुलसी का रस और नारियल का तेल बराबर मात्रा में मिलाकर उसे जले हुए स्थान पर लगाने से आराम मिलता है।
• खसरा और चेचक के दानों में होने वाले दर्द में तुलसी से आराम मिलता है। यह कुष्ठ के इलाज में भी उपयोग में लाया जाता है।
पाचन तंत्र मजबूत बनाता है:
जिन लोगों को बार-बार उल्टियाँ आती हैं और भूख कम लगती है तथा पाचन तंत्र ठीक से कार्य नहीं करता, वे इन समस्याओं के निदान के लिए तुलसी का सेवन कर सकते हैं।
• तुलसी के पत्तों के साथ इलायची चबाना उल्टियाँ रोकने का असरदार उपाय है। 20 ग्राम तुलसी का रस, थोड़ा सा इलायची पाउडर, लौंग पाउडर और चीनी मिलाकर चाटने से जी मिचलाने और उल्टी आने की स्थिति में फायदा होता है।
• 1 चम्मच तुलसी के रस में अदरक का रस, ½ छोटा चम्मच नींबू का रस और ½ छोटा चम्मच शहद मिलाकर खाना से पहले खाने से भूख बढ़ती है।
• 25 ग्राम तुलसी के पत्ते का रस ड्रमस्टिक के पत्तों और सैंधा नमक के साथ मिलाकर खाने कब्ज ठीक होता है।
बुखार ठीक करता है:
तुलसी में पाए जाने वाले फायटोन्यूट्रिएंट (पौधों से प्राप्त होने वाले पोषक तत्व, जो जीवन के लिए बहुत आवश्यक होते हैं) और औषधीय गुणों वाला तेल सामान्य वायरल बुखारों को ठीक करने में मददगार होते हैं। तुलसी उत्तम श्रेणी की प्राकृतिक सेनिटाइजर और कीटाणुनाशक होती है जो मानव शरीर को कई प्रकार के जीवाणु तथा विषाणु जन्य संक्रमणों से बचाती है।
• तेज बुखार रहने पर तुलसी के पत्ते और पिसी इलायची को साथ मिलाकर लगभग ½ लीटर पानी में उबालें और दूध तथा चीनी मिलाकर तीन-तीन घंटे पर देते रहें। इससे बुखार कम होगा।
तनाव और थकान कम करता है:
तुलसी में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट विभिन्न शारीरिक प्रक्रियाओं को संतुलित करते हैं। तुलसी का रस पीएँ या 10-12 तुलसी के पत्ते चबाएँ। नियमित रूप से ऐसा करने से तंत्रिका तंत्र को आराम मिलता है और तनाव दूर होता है।
दिल की बीमारियों में राहत देता है:
तुलसी खून के विषैले तत्वों को नष्ट करता है और रक्तसंचार प्रणाली को स्वच्छ बनाता है। तुलसी के पत्तों की चाय उच्च रक्तचाप में फायदा देती है। तुलसी में मिलने वाला एंटी-ऑक्सीडेंट – यूगेनॉल रक्त के कोलेस्टेरोल और ग्लूकोज के स्तर को कम करने में सहायक है और इन गुणों के कारण यह दिल के दौरे से बचाता है।